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विवाद सुलझाने में हम सक्षम तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं, भारत ने ठुकराया ट्रंप का यह ऑफर

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को दुनिया का एक बड़ा प्लेयर बताया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद मध्यस्थता का भी ऑफर दे दिया, जिसे भारत ने बिना कोई वक्त गंवाए खारिज कर दिया। भारत ने यह फैसला इसलिए लिया, ताकि किसी तरह भ्रम न उपजे। भारत ने साफ कहा कि सीमा विवाद द्विपक्षीय मसला है और हम सभी चीजों को अपने स्तर पर निपटाने में सक्षम हैं। पीएम मोदी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा था कि मैं भारत की तरफ देखता हूं। कुछ सीमा विवाद भी हैं, जो सामान्य हैं। उन पर बात होनी चाहिए और पहल जारी रहनी चाहिए। यदि हम कोई मदद कर सकते हैं तो मुझे अच्छा लगेगा। मैं इसके लिए तैयार हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि विवादों का निपटारा होना चाहिए।

उन्होंने चीन के साथ अमरीका के अच्छे रिश्तों की भी बात की। उन्होंने कहा कि अमरीका तो चीन के साथ अच्छे रिश्तों का हिमायती है। दुनिया का एक बड़ा प्लेयर चीन भी है। उन्होंने कहा कि हम चीन के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं। कोरोना काल तक हमारे शी जिनपिंग के साथ अच्छे संबंध थे। फिर बात थोड़ी बिगड़ गई। चीन दुनिया का एक बड़ा महत्त्वपूर्ण प्लेयर है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप के ऑफर को भारत ने तत्काल खारिज कर दिया है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि हमारे पड़ोसियों के साथ जो भी मसले हैं। उनसे निपटने के लिए हमने हमेशा से द्विपक्षीय वार्ता का रास्ता ही अपनाया है। हमें किसी तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं है।

रूस-यूक्रेन मेंं जंग रोकने को निभाएंगे अहम भूमिका

ट्रंप ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को रोकने के लिए भी हम मध्यस्थता करेंगे। हमारी ओर से हर मामले में अहम भूमिका अदा की जाएगी। मुझे लगता है कि यूक्रेन और रूस के बीच विवाद खत्म हो जाना चाहिए। दोनों के बीच जंग बहुत ज्यादा हो चुकी। उन्होंने कहा कि अब हमें अपने प्रयासों को बेकार नहीं होने देना है। हम अब हल निकालने के बेहद करीब हैं। अब अमरीका, भारत, चीन और रूस जैसी ताकतों को साथ आना होगा। यदि ये चार देश साथ आएं, तो दुनिया की बहुत सी समस्याओं का हल हो सकेगा।

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