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सरकार को अल्टीमेटम, जल्द पूरी करें मांगें

तलवाड़ा-पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब (25/11) ने पूरे पंजाब के बुधवार को बस स्टैंड बंद करके सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने पहली जुलाई को हुई पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ जालंधर के कबाना होटल में हुई बैठक जिसमें प्रमुख सचिव पंजाब, राज्य परिवहन सचिव पंजाब पनबस प्रबंध निदेशक और पीआरटीसी प्रबंध निदेशक प्रबंधन के साथ बैठक में उपस्थित थे। इस दौरान मुख्य मंत्री पंजाब भगवंत मान ने कहा एक माह मे मुलाजिमों की मांगो का समाधान करने का आश्वासन दिया गया था। जिस में मुलाजिमों की सात प्रमुख मांगों में सभी कच्चे मुलाजिमों को सर्विस रूल्स के तहत पक्के करना, ठेकेदार को बाहर कर विभाग की ठेकेदारी सिस्टम के तहत हो रही लूट को खत्म करना, माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार बराबर काम बराबर वेतन लागू करना, कम वेतन पर काम कर रहे मुलाजिमों के वेतन में समानता लागू करना, मुलाजिम मारू नीतियों को रद्द करके सर्विस रूल लागू करना, किलोमीटर स्कीम (प्राईवेट बसे) के तहत चलती बसो को बंद करना, मुलाजिमों की बहाली करना, ट्रांसपोर्ट माफिया समाप्त करना, आदि मांगो के सन्दर्भ में कोई भी समाधान सरकार ने नहीं बनिकाला है।

कर्मचारियों का कहना है कि पंजाब के मुख्यमंत्री के आदेश की पालना विभाग नहीं कर रहा है। डिपो सचिव सुखपाल सिंह, कैशियर जसवीर सिंह, अजय कुमार, उपाध्यक्ष सोरव मैनी, रमनदीप सिंह, गौरव, सतनाम सिंह ने बोलते हुए कहा कि सरकार और प्रबंधन लगातार बैठकें कर रहे हैं और कमेटियां भी बनाई जा रही हैं। नौ फरवरी 2024 को परिवहन मंत्री पंजाब द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया, जिसने दो महीने के भीतर इसका समाधान करने का आश्वासन दिया। इन सब झूठे दावो व वायदों से कर्मचारियों में काफी आक्रोशित है। अब परिवहन मंत्री द्वारा 29/10/2024 को होने वाली अगली बैठक में भी यदि कोई ठोस समाधान उनकी मांगों को लेकर नहीं निकला या बैठक करने से इंकार कर दिया गया, तो पंजाब में चार विधानसभा मे होने वाले उपचुनाव के पहले तीन नवंबर को बरनाला व चब्बेवाल में बड़े काफिले के रूप में सरकार की पोल खोली जाएगी और फ्लैग मार्च किया जाएगा। अगर फिर भी मांगें हल नहीं हुई, तो नौ नवंबर को सरकार के खिलाफ डेरा बाबा नानक और गिदड़बाहा में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और यदि फिर भी निकट भविष्य में भी उनकी मागें पूरी नहीं की गई, तो पंजाब प्रदेश चक्का जाम कर दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रबंधन की होगी।

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