शाहरुख खान को मिला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार, करना पड़ा चार दशक का इंतजार

नई दिल्ली। फिल्म ‘जवान’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजे गए बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान लगभग चार दशक की सिने यात्रा के बाद पहली बार इस पुरस्कार से नवाजे गए। वर्ष 2023 में प्रदर्शित फिल्म जवान का निर्देशन ‘एटली’ ने किया था। इस फिल्म में शाहरुख खान ने पिता और पुत्र की दोहरी भूमिका निभाई थी। शाहरुख खान को फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए तीन दशक से अधिक का समय हो गया है। शाहरुख का जन्म दो नवंबर 1965 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हुए थे। अभिनय से जुड़ने और संचार की विभिन्न विधाओं को नजदीक से समझने के लिए शाहरुख ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की। वर्ष 1988 में शाहरूख खान ने बतौर अभिनेता छोटे पर्दे के धारावाहिक फौजी से अपने कैरियर की शुरूआत की।
वर्ष 1991 में अपने सपनों को साकार करने के लिए शाहरुख मुंबई आ गए। अजीज मिर्जा ने शाहरुख खान की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें अपने धारावाहिक ‘सर्कस’ में काम करने का मौका दे दिया। उन्हीं दिनों हेमा मालिनी को अपनी फिल्म ‘दिल आशना है’ के लिए दिव्या भारती के अपोजिट नए चेहरे की तलाश थी। शाहरुख खान को जब इस बात का पता चला तो वह अपने दोस्तों की मदद से इस फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट देने गये और चुन लिए गए। इस बीच शाहरुख को फिल्म ‘दीवाना’ में काम करने का अवसर मिला। ऋषि कपूर जैसे मंझे हुए अभिनेता की मौजदूगी में भी शाहरुख खान ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया, जिसके लिए फिल्म फेयर की ओर से उन्हें नए अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला। वर्ष 1993 में शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्म ‘बाजीगर’ रिलीज हुई, जिसके जरिए वह काफी हद तक इंडस्ट्री में पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
वर्ष 1993 में ही शाहरुख खान को यश चोपड़ा की सुपरहिट फिल्म ‘डर’ में काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1995 में शाहरुख खान को यश चोपड़ा की ही फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई । वर्ष 1999 में शाहरुख खान ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और अभिनेत्री जूही चावला के साथ मिलकर ड्रीम्स अनलिमिटेड बैनर की स्थापना की । इस बैनर के तहत सबसे पहले शाहरुख खान ने ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ का निर्माण किया। दुर्भाग्य से अच्छी पटकथा और अभिनय के बाद भी फिल्म टिकट खिड़की पर असफल हो गई । बाद में इसी बैनर तले शाहरुख खान ने अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म ‘अशोका’ बनाई लेकिन इसे भी दर्शकों ने बुरी तरह से नकार दिया । हालांकि उनके बैनर तले बनी तीसरी फिल्म ‘चलते चलते’ सुपरहिट साबित हुई ।