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वक्फ संपत्ति का राष्ट्रीयकरण करने की मांग, प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

विजयपुरा। कर्नाटक में विजयपुरा के विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बसनगौड़ा आर पाटिल यतनाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूरे भारत में वक्फ संपत्तियों का राष्ट्रीयकरण करने का आग्रह किया है। श्री यतनाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में वक्फ बोर्डों के कथित अतिक्रमण पर चिंता जतायी और कहा कि मौजूदा कानून असमान हैं तथा निजी भूमि मालिकों, किसानों एवं धार्मिक संस्थानों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।उन्होंने कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की तानाशाही को लेकर बढ़ते असंतोष को उजागर किया गया है, जिसके बारे में उनका दावा है कि बोर्ड मंदिरों, मठों, किसानों और व्यक्तिगत नागरिकों की भूमि को ‘अनधिकृत रूप से अधिग्रहित’ कर रहा है।

उन्होंने सरकार से वक्फ संपत्तियों के राष्ट्रीयकरण पर यह सुझाव देते हुए विचार करने का आग्रह किया है कि इस तरह के कदम से सही मालिकों के अधिकारों की रक्षा होगी और किसी भी इकाई को निजी और सार्वजनिक भूमि पर अनियंत्रित शक्ति का प्रयोग करने से रोका जा सकेगा। उन्होंने जोर दिया कि यह मुद्दा कर्नाटक से आगे तक फैला हुआ है, जो वक्फ की स्थापना से पहले की धार्मिक और ऐतिहासिक संस्थाओं और संपत्तियों को प्रभावित करता है। उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को व्यापक अधिकार देकर अल्पसंख्यक समुदायों को खुश करने के प्रयासों की भी आलोचना की और इसे लोकतंत्र का अपमान बताया। उन्होंने सिंधगी में विरक्त मठ की संपत्ति का उदाहरण दिया , जिसे 12वीं शताब्दी में रानी अब्बक्का ने दान किया था और उस पर अब कथित तौर पर वक्फ बोर्ड ने दावा कर लिया है। श्री यतनाल ने अपने पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि रक्षा और रेल मंत्रालयों के बाद देश के सबसे बड़े भूस्वामियों में से एक के रूप में वक्फ बोर्ड को इस तरह से काम करना चाहिए जो देश के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को दर्शाता हो।उन्होंने पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने वाली नीतियों में संशोधन की मांग की है और कहा कि ये कदम भारत में न्यायसंगत भूमि वितरण में योगदान देंगे।

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