
चंडीगढ़-चंडीगढ़ नगर निगम की शनिवार को हुई मासिक बैठक में टाउन वेंडिग कमेटी टीवीसी की बैठक से जुड़े मिनट्स जानकारी के प्रस्ताव को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बैठक में नॉन ईएसपी वेंडर्स को अनिवार्य ईएसपी वेंडर्स में बदले जाने को लेकर इंडिया गठबंधन आप-कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आमने सामने हो गए और खूब हंगामा शुरू हो गया। हंगामा में आलम यह रहा कि प्रदर्शन कर रहे भाजपा और मनोनित पार्षदों को काबू करने के लिए मार्शल तक बुलाने पड़े। इस दौरन प्रदर्शन कर रहे पार्षदों की मार्शलों के साथ धक्का मुक्की और बहस हुई। नौबत यहां तक पहुंच गई कि हंगमा बढ़ता देख मेयर कुलदीप कुमार के सब्र का बांध टूट गया और मनोनित पार्षद सतिंदर सिद्धू पर चिल्ला पड़े। टीवीसी से सबंधत प्रस्ताव पिछले महीने की हॉउस मीटिंग में लाया गया था। तब भी बहस के बीच इसे डेफर कर दिया गया था।
इस बार भी हॉउस में इसे दुबारा लाया गया। इंडिया गठबंधन के पार्षद गैर जरूरी वेंडर्स को अनिवार्य श्रेणी के वेंडर्स में लाए जाने वाले इस प्रस्ताव का विरोध करने लगे। इनकी भाजपा पार्षदों के साथ बहस शुरू हो गई। इस मुद्दे को लेकर भाजपा पार्षद मेयर और निगम सचिव से वोटिंग की मांग करने लगे और हंगामा शुरू हो गया। हंगामा बढ़ता देख मेयर ने प्रस्ताव को डेफर किए जाने के साथ 15 मिनट का ब्रेक कर दिया। हालांकि ब्रेक के बाद हंगामा फिर शुरू हो गया। भाजपा पार्षद मेयर को घेरने के लिए उनकी सीट के पास पहुंच गए। इस बीच इंडिया गठबंधन और भाजपा पार्षदों के बीच बहस शुरू हो गई और वह एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मेयर का कहना था कि मनोनित पार्षदों के पास वोटिंग का कोई अधिकार नहीं है। वहीं, भाजपा पार्षद निगम सचिव से वोटिंग को लेकर स्पीष्टकरण मांगने लगे। हंगमा बढ़ता देख मेयर कुलदीप कुमार ने नेता प्रतिपक्ष व भजपा पार्षद कंवरजीत सिंह राणा को सदन से सस्पेंड किए जाने की चेतावानी देते हुए मार्शल भी बुला लिए। चंडीगढ़ नगर निगम हॉउस की मीटिंग में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ किए प्रशासक गुलाब चंद कटारिया पहली बार निगम हॉउस की बैठक को संबोधित करने पहुंचे। गंभीर वित्तय संकट का सामना कर रही नगर निगम को प्रशासक के इस संबोधन के दौरान किसी वित्तय राहत की पूरी उम्मीद थी लेकिन प्रशासक नगर निगम को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए डिफाल्टरों से बकाया राशि वसूलने की नसीहत देकर चले गए।