
श्रीआनंदपुर साहिब-पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस शुक्रवार को समलाह गांव में करोड़ों रुपए की लागत से तैयार लिफ्ट सिंचाई योजना का नीव पत्थर रखा। दशकों से सिंचाई के लिए पानी की समस्या से जूझ रहे पंजाब हिमाचल प्रदेश सीमा सटे नीम पहाड़ी इलाके चंगर के लगभग एक दर्जन गांवों की सिंचाई के लिए पानी की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट के मुकम्मल होने से गांव लखेड़ सामलाह, पहाड़पुर, धनेड़ा, मीडवा, मेहंदली खुर्द, रायपुर साहनी, कोटला, बढल औ और गांव बलोली को सिंचाई के लिए पानी की सहूलियत मिलेगी। इस इलाके में हरियाली और खुशहाली पुन: लौट आएगी। लगभग अढ़ाई सौ हॉर्स पावर से 336 हॉर्स पावर के नौ पंप सेट लगाकर नहरों से सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई चंगर के इलाके तक पहुंचाने लिए आईआईटी रूपनगर और सिंचाई विभाग के तकनीकी विशेषज्ञ पिछले काफी समय से इस योजना पर काम कर रहे हैं। 2762 एकड़ रकबे को सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की यह सबसे बड़ी योजना है, जिससे चंगर इलाके में हरियाली और खुशहाली आएगी।
उल्लेखनीय है कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी चंगर इलाक़े के गांवों में पानी नहीं पहुंचा, जिस कारण चंगर वासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। गर्मी के मौसम के दौरान लोगों को अपने जानवरों सहित अपने गांव से कोसों दूर सतलुज दरिया के किनारे आकर बसना पड़ता था, क्योंकि पानी की दिक्कत होने के कारण काफी परेशानी आती थी, वहीं पानी न होने के कारण फसले उगाने में भी काफी दिक्कत आती थी। चंगर वासी फसले उगाने के लिए केवल वर्षा पर ही निर्भर थे, यदि वर्षा हो जाती है, तो फसल हो जाती, नहीं तो किसानों का काफी नुकसान हो जाता था, परंतु अब सिंचाई लिफ्ट परियोजना शुरू होने से चंगर वासियो की बड़ी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होने जा रही है। इस योजना में कुल चार टैंक बनेंगे और सिंचाई के लिए कुल पाइपलाइन 71128 फुट में नराइजर पाइप और 89000 हजार फुट डिस्ट्रीब्यूशन पाइप डलेगी। इसके अलावा सिंचाई के लिए कम से कम पानी 30186 प्रति मिनट जाएगा और मेनराइजर पाइप का साइज 12 इंच से 18 इंच होगा।