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किसानों को शंभू बॉर्डर खाली करने के लिए मनाएं

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को सुचारूपूर्वक खाली करने के लिए उन्हें मनाने का प्रयास करने का शुक्रवार को निर्देश दिया और साथ ही सुझाव दिया कि वे (किसान) अपना आंदोलन अस्थायी रूप से स्थगित कर सकते हैं। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने यह निर्देश देते कहा कि इस मामले में शीर्ष अदालत द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य सचिव ने पहले आश्वासन दिया था कि समिति किसानों को मनाने का संकल्प लेगी। शीर्ष न्यायालय ने महसूस किया कि बातचीत जारी रहने के कारण आंदोलन को कुछ समय के लिए स्थगित किया जा सकता है।

न्यायालय ने कहा कि सबसे बेहतर होगा कि समिति की ओर से किसानों को मनाने का प्रयास हो चाहिए। फिलहाल किसान अपना आंदोलन स्थगित कर सकते हैं। वे कहीं स्थानांतरित हो सकते हैं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि उन्हें विरोध नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कुछ नहीं होता है तो आंदोलन जारी रह सकता है। शीर्ष अदालत ने पिछले 17 दिनों से अनशन बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को तत्काल चिकित्सा सहायता देने का भी निर्देश दिया। उसने कहा कि वे एक वरिष्ठ नागरिक हैं, उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं। उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ रही है। एक प्रमुख किसान नेता होने के नाते सरकार का यह कर्तव्य है कि वो दलेवाल को उनका अनशन तोड़े बिना तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करें। उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के दौरान जोर देकर कहा कि समिति का प्राथमिक कार्य किसानों को अपना आंदोलन स्थानांतरित करने या अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए राजी करना है ताकि नाकाबंदी हटाई जा सके।

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