पीडि़त को देने होंगे डेढ़ लाख रुपए, डॉक्टर को मुआवजा देने का आदेश

उपभोक्ता आयोग ने कोटकपूरा के एक अस्पताल को एक बुजुर्ग मरीज के इलाज में लापरवाही का कथित तौर पर दोषी मानते हुए 45 दिनों के भीतर मृत महिला के बेटे को 1.5 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता कंवरजीत सिंह ने उपभोक्ता आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि डा. टोनी कटारिया ने उनकी मां के इलाज के दौरान कथित तौर पर लापरवाही बरती और उन्हें समय पर उचित चिकित्सा उपचार नहीं दिया, जिसके कारण उनकी मां की मृत्यु हो गई। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंगला और सदस्य परमपाल कौर ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कहा कि आयोग के समक्ष पेश की गई गवाही से यह स्पष्ट है कि डा. टोनी कटारिया ने अपने अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला के इलाज के दौरान लापरवाही बरती। इस लिए शिकायतकर्ता को अपनी मां की मृत्यु के कारण खराब इलाज के कारण बहुत परेशान होना पड़ा और न्याय पाने के लिए उसे अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ा। इसलिए उसे मुआवजे और खर्च के रूप में डेढ़ लाख रुपए का भुगतान किया जाए।
हालांकि इलाज करने वाले डॉक्टर टोनी कटारिया ने अदालत में सुनवाई के दौरान कहा कि उनके अस्पताल पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और उन्होंने मेडिकल साइंस के मुताबिक जो संभव था, वह किया है, लेकिन उपभोक्ता आयोग ने अस्पताल और बीमा कंपनी की ओर से पेश किया किए गए तथ्यों को नकारते हुए आदेश दिया कि उपभोक्ता को 45 दिन के अंदर उक्त मुआवजा अदा किया जाए। वहीं, इसलिए उसे मुआवजे और खर्च के रूप में डेढ़ लाख रुपए का भुगतान किया जाए। हालांकि इलाज करने वाले डॉक्टर टोनी कटारिया ने अदालत में सुनवाई के दौरान कहा कि उनके अस्पताल पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और उन्होंने मेडिकल साइंस के मुताबिक जो संभव था, वह किया है। जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता कंवरजीत सिंह ने उपभोक्ता आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि डा. टोनी कटारिया ने उनकी मां के इलाज के दौरान कथित तौर पर लापरवाही बरती और उन्हें समय पर उचित चिकित्सा उपचार नहीं दिया, जिसके कारण उनकी मां की मृत्यु हो गई।