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मॉरीशस की मिट्टी में हमारे पुरखों का खून-पसीना

मॉरीशस के पोर्ट लुईस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भोजपुरी में अपना भाषण शुरू किया। पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था, जब भारत में मिठाई के लिए चीनी मॉरिशस से आती थी। शायद इसीलिए गुजराती में चीनी को मोरस भी कहा जाता है। समय के साथ भारत-मॉरीशस के रिश्तों की मिठास और भी मजबूत हुई है। इसी मिठास के साथ मैं मॉरीशस के सभी लोगों को उनके राष्ट्रीय दिवस पर हार्दिक बधाई देता हूं। इस दौरान पीएम मोदी ने मॉरीशस के अपने पुराने दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब 10 साल पहले मैं मॉरीशस आया था, उस साल होली एक हफ्ते पहले बीत चुकी थी। तब मैं भारत से भगवा की उमंग अपने साथ लेकर आया था। इस बार मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ लेकर भारत जाऊंगा। मैं जब भी यहां आता हूं तो ऐसा लगता है अपनों के बीच ही तो आया हूं। यहां की मिट्टी, हवा और पानी में अपनेपन का एहसास है। यहां भारत की खुशबू है। यहां की मिट्टी में हमारे पुरखों का खून-पसीना मिला हुआ है। हम सब एक परिवार ही तो हैं।

इससे पहले करीब एक दशक बाद प्रधानमंत्री के मॉरीशस पहुंचने पर प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी स्वागत किया। पीएम मोदी ने पिछली बार 2015 में मॉरिशस की यात्रा की थी। प्रधानमंत्री के विशेष विमान से उतरते ही प्रधानमंत्री श्री रामगुलाम एवं उनकी पत्नी ने श्री मोदी का स्वागत किया। मॉरीशस की सेना की एक टुकड़ी ने सलामी गारद पेश की। इस मौके पर दोनों देशों के राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। बाद में लाउंज में श्री रामगुलाम ने श्री मोदी का अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों से परिचय कराया। मोदी के स्वागत में मॉरीशस की महिलाओं ने पारंपरिक बिहारी ‘गीत गवई’ गाया। पीएम मोदी बुधवार को मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होंगे।

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