विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर विधानसभा अध्यक्ष 3 महीने में लें फैसला: SC

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 10 विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर तीन महीने में निर्णय लेने का राज्य विधानसभा अध्यक्ष को गुरुवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की पीठ यह निर्देश देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मुद्दे पर उनकी (अदालत) नोटिस के बाद अध्यक्ष ने सात महीने बाद संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए।
पीठ ने बीआरएस नेता पाडी कौशिक रेड्डी और अन्य की याचिकायें स्वीकार करते हुए तेलंगाना उच्च न्यायालय की खंडपीठ के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें अध्यक्ष को चार हफ्तों के भीतर सुनवाई के लिए तारीखें तय करने के एकल पीठ के निर्देश को रद्द कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि संबंधित विधायक अध्यक्ष की सुनवाई में शामिल होने किसी तरह से कोई भी टालमटोल करते हैं, तो उनके खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जा सकता है।