उत्तराखंड में फिर कुदरत की तबाही, बादल फटने से कई लोग लापता

देहरादून। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, टिहरी और चमोली जनपदों में कई स्थानों पर पिछले 12 घंटों में बादल फटने से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शुक्रवार सुबह मिली जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले के छेनागाड़ डुगर गांव और जौला बड़ेथ गांव में कुछ लोगों के गुमशुदा होने की सूचना है। चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में बादल फटा है जिस कारण आए मलवे और पानी के कारण एक दंपत्ति के लापता होने और एक दंपत्ति के घायल होने की खबर है साथ ही 20 मवेशियों के मलबे में दबे होने की सूचना हैं। इसी तरह टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव में भी बादल फटा है, लेकिन यहां से किसी भी प्रकार के जनहानि की सूचना नहीं है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन आपदाओं पर दुख व्यक्त किया है साथ ही बाबा केदार से सबको सुरक्षित रखने की प्रार्थना की है। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मोपाटा में रहने वाले तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता बताए जा रहे हैं जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हुए हैं। इनके आवास और गोशाला के मलबे में दबने की सूचना है। इसमें 15 से 20 जानवर भी मलबे में दबने की सूचना है। उन्होंने बताया कि तहसील प्रशासन की टीम मौके लिए रवाना हो गई है। भारी बारिश को देखते हुए चमोली जनपद के सभी विकास खंडों में आज अवकाश घोषित किया गया है।
इसके अलावा भारी बारिश के कारण देवाल में रास्ते जगह-जगह टूट गए हैं। थराली में भी रात से हो रही बारिश से लोग सहमे हैं जबकि आदिबदरी, कर्णप्रयाग में भी तेज बारिश हो रही है। जिला आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार कर्णप्रयाग में मूसलाधार बारिश के कारण कालेश्वर में ऊपर पहाड़ से मलबा आया है जो लोगों के घरों में घुस गया। जेसीबी मशीन द्वारा मलवा हटाने का प्रयास किया जा रहा है। अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। कर्णप्रयाग के सुभाषनगर में पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने से सडक़ बंद हो गई है। टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव के ऊपर गुरुवार रात को बादल फटने की घटना हुई है। जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, बादल फटने से कोई जनहानि नहीं हुई है। कृषि भूमि, पेयजल लाइन, विद्युत लाइनों को नुकसान पहुंचा है।