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जापान के रॉकेट से लांच होगा चंद्रयान-5

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान याक्षा के दौरान शुक्रवार को भारत-जापान के बीच चंद्रयान-5 मिशन को लेकर एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह मिशन दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी का ज्वाइंट ऑपरेशन होगा। इसमें दोनों मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव की स्टडी करेंगे। इस दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने भारत में अगले 10 सालों में 10 ट्रिलियन येन (करीब छह लाख करोड़ रुपए) निवेश करने की बात कही है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने जापानी निवेशकों को भारत आने का न्योता देते हुए कहा कि भारत में पूंजी सिर्फ बढ़ती नहीं, गुणा होती है। भारत में पैसा लगाएंगे, तो कई गुना वापस पाएंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब अमरीका ने भारत से निर्यात होने वाले कपड़े, सी-फूड और गहनों पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगा दिया है। टैरिफ का असर भारत के कारोबार पर दिख रहा है, लेकिन मोदी ने जापानी बिजनेस फोरम में भरोसा दिलाया कि भारत निवेश के लिए सबसे बेहतर जगह है। पीएम ने कहा कि भारत राजनीतिक और आर्थिक रूप से स्थिर है।

यहां नीतियां साफ हैं। पारदर्शिता है। प्रेडिक्टेबल फैसले होते हैं। निवेशकों को यही भरोसा चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। बहुत जल्द हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात के बाद कहा कि भारत और जापान साझेदारी विश्वशांति के लिए जरूरी है। उन्होंने दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बारे में बताया कि बैटरी सेक्टर में भारत-जापान मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जापान टेक्नोलॉजी पावर हाउस है और भारत टैलेंट पावर हाउस। दोनों मिलकर दुनिया की टेक रिवोल्यूशन का नेतृत्व कर सकते हैं। भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कम्प्यूटिंग, बायोटेक और स्पेस में साहसी कदम उठाए हैं। अब जापान की टेक्नोलॉजी और भारत की स्किल साथ आएगी तो तस्वीर बदल जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत जापानी बिजनेस के लिए ग्लोबल साउथ का स्प्रिंगबोर्ड है, यानी जापान भारत के जरिए अफ्रीका जैसे देशों तक पहुंच सकता है। दोनों देश मिलकर विकासशील देशों के लिए नई उम्मीद बन सकते हैं। मोदी ने जापान को भारत में निवेश के लिए बुलावा दिया। उन्होंने कहा कि आइए, भारत में बनाइए और दुनिया के लिए बनाइए। उन्होंने सुजुकी और डाइकिन जैसी कंपनियों का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सफलता आपकी भी कहानी बन सकती है।

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