
फिरोजपुर-नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी व पूर्व विधायक डा. नवजोत कौर सिद्धू ने एक बड़े धोखाधड़ी मामले में अपने पूर्व निजी सहायक और एक एनआरआई समेत कई लोगों पर केस दर्ज करवाया है। आरोप है कि इन लोगों ने डा. सिद्धू को एक संपत्ति बेचने के नाम पर उनसे दो करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। यह मामला चंडीगढ़ के रंजीत एवेन्यू स्थित (शॉप-कम-ऑफिस) नंबर दस की रजिस्ट्रेशन को लेकर है। डा. सिद्धू के अनुसार, उन्होंने इस संपत्ति को खरीदने के लिए अंगद पाल सिंह नामक एक एनआरआई से संपर्क किया था। अंगद पाल सिंह ने डा. सिद्धू को आश्वासन दिया कि वह उन्हें यह संपत्ति बेच देगा। डा. सिद्धू ने अंगद पाल सिंह को कई बार पैसा दिया, लेकिन संपत्ति उनके नाम पर ट्रांसफर नहीं हुई। जब डा. सिद्धू ने दस्तावेजों की जांच करवाई तो उन्हें पता चला कि संपत्ति पहले से ही किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड है।
इस मामले में एनआरआई के मामा मंगल सिंह, सुखविंदर सिंह के अलावा उनके पूर्व निजी सहायक गौरव और उनके सहयोगी जगजीत सिंह पर भी आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि इन सभी ने भी इस धोखाधड़ी में अंगद पाल सिंह का साथ दिया था। अंगद पाल सिंह ने रंजीत एवेन्यू में स्थित एस सी नंबर दस बेचने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ। डा. सिद्धू की ओर से उनके प्रतिनिधि सुषिल रावत और अंगद पाल सिंह की ओर से विशाल कौर ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। डा. सिद्धू ने इस संपत्ति की बुकिंग के लिए अंगद पाल सिंह के खाते में 1.2 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इसके अलावा, उन्होंने कई बार भुगतान के लिए चेक भी दिए, जिन्हें उनके निजी सहायक गौरव ने कैश कराया और राशि अंगद के एजेंट को सौंपी। अंगद पाल सिंह ने बार-बार आश्वासन दिया कि जल्द ही संपत्ति उनके नाम पर रजिस्टर कर दी जाएगी। लेकिन जब डा. सिद्धू ने दस्तावेज रजिस्ट्रेशन के लिए दबाव डाला, तो आरोपियों ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। आरोपियों ने अस्थायी रूप से फरवरी 2023 में उनकी बेटी के नाम पर संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी दिया।