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एंडोवैस्कुलर कोइलिंग तकनीक से बचाई महिला की जान

ब्रेन हैमरेज स्ट्रोक दीर्घकालिक दिव्यांगता और यहां तक कि मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली यह चिकित्सा स्थिति मस्तिष्क कोशिकाओं को अपरिवर्तनीय क्षति पहुँचाती है। हालांकि, उन्नत स्वास्थ्य देखभाल तकनीकों के साथए एन्यूरिज्म कॉइलिंग और फ्लो डायवर्जन जैसी एंडोवास्कुलर थेरेपी फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली जैसे चुनिंदा अस्पतालों में 24 घंटे 7 दिन उपलब्ध हैं। ऐसे ही एक मामले मेंए फोर्टिस अस्पताल मोहाली के इंटरवेंशनल न्यूरोरेडियोलॉजी के एडिशनल डायरेक्टर डा. प्रो विवेक गुप्ता के नेतृत्व में डाक्टरों की टीम ने हाल ही में एक 45 वर्षीय महिला की जान बचाई। 12 घंटे तक स्ट्रोक से पीडि़त रहने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था।

रोगी ने तेज सिरदर्द की शिकायत की, जो अचानक हुआ था और समय के साथ इसकी तीव्रता बढ़ती गई। मस्तिष्क के सीटी स्कैन से ब्रेन हैमरेज या ब्रेन एन्यूरिज्म का पता चला। ब्रेन एन्यूरिज्म मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में गुब्बारे जैसी सूजन है। यह आमतौर पर एक कमजोर जगह पर बनता है जहां धमनी की दीवार उभर जाती है और रक्त से भर जाती है। फटे हुए एन्यूरिज्म से मस्तिष्क को नुकसान, स्ट्रोक या यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है अगर तुरंत इलाज न किया जाए। डा. प्रोफेसर गुप्ता ने एक पिनहोल सर्जरी के माध्यम से मस्तिष्क में भारी रक्तस्राव का कारण बनने वाले ब्रेन एन्यूरिज्म को ठीक किया, जिसे एंडोवास्कुलर कोइलिंग भी कहा जाता है। मरीज की रिकवरी आसानी से हो गई और सर्जरी के 10 दिन बाद उन्हें हस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वह ठीक हो गई हैं और आज सामान्य जीवन जी रही हैं।

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