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मोहाली में बनेगा अनाज मंडी का सब यार्ड, पांच एकड जमीन पर होगा निर्माण

मोहाली-पंजाब के कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास विभाग के मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आज मोहाली के सनेटा गांव में पांच एकड़ भूमि पर बनने वाले दाना मंडी के सब-यार्ड का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यह सब.यार्ड 2.5 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा, जो 6 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। आधारशिला रखने के बाद क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस सब यार्ड के निर्माण को मंजूरी देकर आसपास के 20 से अधिक गांवों के किसानों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सनेटा में दाना मंडी न होने के कारण किसानों को मजबूरन सडक़ किनारे अपनी फसल बेचनी पड़ती थी। विधायक कुलवंत सिंह ने जब उन्हें इस मामले से अवगत करवाया तो उन्होंने तुरंत पंजाब मंडी बोर्ड के अधिकारियों को सनेटा सब यार्ड के निर्माण में आ रही सभी रुकावटों को दूर करके इसे शुरू करने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री खुड्डियां ने कहा कि आज क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है।

उन्होंने गांव सनेटा की ग्राम पंचायत को वर्ष 2011 में इस सब यार्ड के लिए कलेक्टर रेट पर पंचायत की जमीन देने के लिए दिखाई गई उदारता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मंडी में तीन नीलामी प्लेटफार्मए एक बड़ा शेड, 71 दुकानें व बूथ, एक जल टैंक और जल निकासी व्यवस्था बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले इस मंडी में 60000 क्विंटल धान और 33000 क्विंटल गेहूं की आमद दर्ज की गई थी, जो नई मंडी का निर्माण पूरा होने से और अधिक अनाज की आमद को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह मंडी सीजन के दौरान शहरी क्षेत्र को यातायात की समस्या से बड़ी राहत देगी। उन्होंने कहा कि हम पंजाब में शुद्ध बीज और गुणवत्ता वाले उर्वरकों की उपलब्धता को ईमानदारी से सुनिश्चित कर रहे हैं। केंद्र की नई कृषि विपणन नीति से असहमति व्यक्त करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसान खुले बाजार में अनाज के अच्छे दाम के इंतजार में लंबे समय तक फसल को घर नहीं रख सकता। उन्होंने कहा कि पंजाब में 1800 से अधिक मंडियां, खरीद केंद्र हैं जो इस नई प्रणाली के साथ नहीं चल सकते। इसलिए भगवंत मान सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए इस नई विपणन नीति से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के प्रति उदासीन रवैया न अपनाते हुए उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए।

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