हसीना ने दिए थे नरसंहार के आदेश, बांग्लादेश में पूर्व पीएम के खिलाफ मुकदमा, 81 गवाह सूचीबद्ध

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों पर 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों का गंभीर आरोप लगाया गया है। अभियोजन पक्ष ने रविवार को एक टेलीविजन सुनवाई में घोषणा करते हुए बताया कि इन लोगों ने जानबूझकर हिंसक दमन अभियान चलाया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने कहा कि ये हत्याएं योजनाबद्ध थीं। इसे नरसंहार भी कहा गया है। उन्होंने वीडियो साक्ष्यों और विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच एन्क्रिप्टेड संचार का हवाला देते हुए दावा किया कि शेख हसीना ने स्वयं सुरक्षा बलों, सत्ताधारी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों को यह कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
इस मामले में 81 लोगों को गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अभियोजकों ने यह भी कहा कि शेख हसीना पर एक निर्वाचित प्रधानमंत्री के रूप में देश की सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई की पूर्ण जिम्मेदारी होती है। हालांकि शेख हसीना ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी सहयोगियों ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया है। बता दें कि शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पहले ही जारी किया जा चुका है। अंतरिम सरकार ने औपचारिक रूप से भारत से उनके प्रत्यार्पण का अनुरोध किया है। नई दिल्ली ने नोट को स्वीकार किया है, लेकिन आगे कोई टिप्पणी नहीं की है।