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पंजाब बनेगा भारत के लिए शिक्षा का केंद्र:हरजोत सिंह बैंस

चंडीगढ़, 2 जून:

पंजाब में उच्च शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उच्च शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने आज विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने की इच्छुक निजी कॉलेजों से प्राप्त प्रस्तावों पर कार्रवाई की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। इस पहल का उद्देश्य राज्य में अपग्रेडेशन की प्रक्रिया को सुचारु बनाना, अकादमिक उत्कृष्टता को और सुदृढ़ करना और उच्च गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा तक पहुंच को बढ़ाना है।

प्रभावी समन्वय और पूरी निगरानी को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्री ने उच्च शिक्षा निदेशक श्री गिरीश दयालन को ऐसे सभी प्रस्तावों की प्रगति की निगरानी हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

आज यहां अपने कार्यालय में प्रमुख निजी कॉलेजों के चेयरपर्सन और निदेशकों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की कुशल, पारदर्शी और योग्यता-आधारित प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने की प्रतिबद्धता को दोहराया।

स हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “यह पहल पंजाब के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्रदान करने के हमारे संकल्प को दर्शाती है। हम प्रक्रिया में अनावश्यक देरी को दूर करते हुए उच्च शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उन्होंने अधिकारियों को पारदर्शिता, निष्पक्षता और कुशलता पर ध्यान केंद्रित करते हुए लंबित आवेदनों की मेरिट-आधारित समीक्षा करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य जनहित से जुड़ी पहलों को मूर्त रूप देना और पूरे राज्य में अकादमिक विकास को प्रोत्साहित करने हेतु निजी क्षेत्र की क्षमताओं का उपयुक्त उपयोग करना है।

इस बैठक में 18 निजी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें सीजीसी ग्रुप मोहाली, रयात बहरा होशियारपुर, श्री सुखमणि ग्रुप डेराबस्सी, बाबे के ग्रुप दौधर (मोगा), शेर-ए-पंजाब यूनिवर्सिटी लालड़ू, जेआईएस ग्रुप लुधियाना और बाबा फरीद ग्रुप बठिंडा शामिल थे। कैबिनेट मंत्री ने आने वाले दिनों में जवाबदेह और सुविधाजनक शासन का भरोसा दिलाते हुए साझेदारों की प्रतिक्रिया और चिंताओं को ध्यानपूर्वक सुना।

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