आज समाचार

6.4 फीसदी रहेगी जीडीपी रफ्तार

नई दिल्ली

वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। यह अनुमान ग्लोबल फाइनांशियल सर्विसेज फर्म यूबीएस ने लगाया है। दरअसल, मार्च 2025 तिमाही में मजबूत संकेतों के बाद यूबीएस ने अपने अनुमान में संशोधन किया है। बता दें कि यूबीसी का जीडीपी पर पूर्वानुमान छह प्रतिशत था, जो बढक़र 6.4 प्रतिशत पहुंच गया है। यूबीएस सिक्योरिटीज की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि यह संशोधन कई फैक्टर्स को दिखाता है। इसमें मजबूत घरेलू मांग के इंडिकेटर, वैश्विक व्यापार तनाव कम होने की संभावनाएं और कच्चे तेल की कम कीमतें शामिल हैं। यूबीएस के मुताबिक, अच्छे मानसून और कम खाद्य कीमतों के कारण, ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू खर्च में सुधार होगा।

टैक्स कटौती और कम मुद्रास्फीति जैसे फैक्टर्स से शहरी मांग में भी सुधार की संभावना है। यूबीएस के मुताबिक, ग्लोबल ट्रेड टेंशन नहीं बढ़ेगा और वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें कम रहेंगी। यूबीएस को वित्त वर्ष 26 में औसतन $65 प्रति बैरल की उम्मीद है। हालांकि, निवेश वृद्धि के लिए अभी भी जोखिम हैं। इससे पहले जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 2025-26 में घटकर 6.2 प्रतिशत रह जाएगी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत थी। हालांकि, यह नोमुरा का अनुमान है।

2024-25 की जनवरी से मार्च तिमाही में 7.4 फीसदी

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में धीमी होकर 7.4 प्रतिशत रही। इसके साथ ही पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि दर घटकर चार साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई। बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। वहीं, तिमाही ग्रोथ की बात करें, तो देश की अर्थव्यवस्था अक्तूबर-दिसंबर 2024 तिमाही में 6.4 प्रतिशत, जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.6 प्रतिशत और अप्रैल-जून तिमाही में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button