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टीम को महत्वपूर्ण डेटासैटों तक वास्तविक-समय की पहुँच के साथ किया जायेगा लैस

चंडीगढ़, 4 अगस्तः

कर प्रवर्तन को संस्थागत बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज एक राज्य स्तरीय विशेष धोखाधड़ी खोज यूनिट (स्पेशल फ्रॉड डिटैकशन यूनिट) स्थापित करने के प्रस्ताव का ऐलान किया जिसका हैडक्वाटर पटियाला में होगा। उन्होंने कहा कि यह समर्पित यूनिट वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) उल्लंघनाओं से सम्बन्धित जटिल मामलों की जांच में एकरूपता लायेगा और जांच को सुचारू बनाऐगा।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि स्पेशल फ्रॉड डिटैकशन यूनिट (एस.एफ.डी.यू.) को बड़े स्तर की जी. एस. टी धोखाधड़ियों का पर्दाफाश और जांच करने का काम सौंपा जायेगा, जिसमें ख़ास तौर पर सर्कुलर ट्रेडिंग ओपरेशनों को रोकने, बेनामी लेन-देन का पर्दाफाश करने और जाली इनवॉइसिंग की कार्यवाहियों को ख़त्म करने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस यूनिट को संदिग्ध जी. एस. टी. पहचान नंबरों (जी. एस. टी. आई.एन.) को रद्द करने, इनपुट्ट टैक्स क्रेडिट (आई. टी. सी.) के गलत दावों को रोकने, और कानूनी जवाबदेही को बरकरार रखने के लिए अपराधियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने की सिफारश करने सहित सख़्त कार्यान्वयन की कार्यवाहियां शुरू करने की शक्ति दी जायेगी।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि एस.एफ.डी.यू. अपने खोज सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), डेटा ऐनालिटिक्स और केंद्रीकृत बैकऐंड ओपरेशनों सहित उन्नत प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाएगी। यूनिट टैक्स रिटर्न, लेन-देन के नैटवर्क और वस्तुओं की आवाजाही में विसंगतियों की पहचान करने के लिए राज्य भर में व्यापक डाटा माइनिंग और पैटर्न की पहचान करेगा। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यूनिट डाटा-आधारित रैड्ड फ्लैगस का प्रयोग सिर्फ़ संदिग्ध या शरारती करदाताओं की जांच करने के लिए करेगी जिससे ईमानदार करदाताओं को अनावश्यक जांच से बचाया जा सकेगा। वित्त मंत्री चीमा ने ज़ोर देते हुये कहा कि इस रणनीतिक पहुँच का मकसद प्रभावशाली कार्यान्वयन और करदाता की सुविधा के दरमियान संतुलन बनाना है, जिससे और ज्यादा कुशल और करदाता- अनुकूल प्रशासन यकीनी बनाया जायेगा।

एस.एफ.डी.यू. की बनावट के बारे वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस यूनिट में अनुभवी कराधान अफ़सरों, हुनरमंद आई. टी. पेशेवरों, एक चार्टर्ड अकाउँटैंट और एक कानूनी अधिकारी वाली एक बहु-अनुशासनी टीम शामिल होगी। उन्होंने कहा कि इस टीम को नाजुक डेटासैटों जैसे कि जी.एस.टी.एन. जानकारी, ई-वे बिल ट्रेकिंग, टोल रिकार्ड और आर.एफ.आई.डी ट्रेल ऐनालिटिक्स तक वास्तविक- समय की पहुँच के साथ लैस किया जायेगा, जिससे टैक्स चोरी के विरुद्ध तुरंत और सटीक कार्यवाही की जा सकेगी।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि स्पेशल फ्रॉड डिटैकशन यूनिट ( एस.एफ.डी. यू.) को सी. जी. एस. टी. / पी. जी. एस. टी. एक्टों की धाराओं 67, 70, 74 और 132 के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आई. पी. सी.) की सम्बन्धित धाराओं के अंतर्गत मज़बूत कानूनी व्यवस्थाओं द्वारा अधिकारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह एस.एफ.डी. यू. को तकनीकी तौर पर उन्नत, ख़ुफ़िया- आधारित प्रवर्तन एजेंसी के तौर पर काम करने के योग्य बनाऐगा। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि यह पहलकदमी राज्य के राजस्व की सुरक्षा और आर्थिक अखंडता को खतरे में डालने वाले विस्तृत टैक्स धोखाधड़ी नैट्टवर्कों को ख़त्म करने की तरफ एक निर्णायक कदम साबित होगा।

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