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ट्रंप के टैरिफ से भारत का कुछ भी नहीं बिगड़ा

नई दिल्ली
अमरीकी टैरिफ से भारत की अर्थ व्यवस्था पर तो बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, लेकिन यह दांव अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ही बड़ा सबक दे गया है। देश की अनुकूल वित्तीय स्थिति और मजबूत घरेलू मांग के दम पर रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। पहले यह ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत लगाया गया था। पहली तिमाही के बाद आए ये बदलाव के आंकड़े काफी महत्त्वपूर्ण हैं। अपने सितंबर के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की मार्च और जून तिमाहियों के बीच आर्थिक गतिविधियों में तेजी से वृद्धि हुई है और वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर जनवरी-मार्च की 7.4 प्रतिशत से बढक़र सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत हो गई है।
यह जून के जीईओ में लगाए गए 6.7 प्रतिशत के पूर्वानुमान से काफी ज़्यादा है। अप्रैल-जून के नतीजों के आधार पर रेटिंग एजेंसी फिच ने मार्च 2026 (वित्त वर्ष 2025-26) में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए अपने अनुमान को जून जीईओ के 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। फिच का कहना है कि घरेलू मांग वृद्धि को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाएगी, क्योंकि मजबूत वास्तविक आय उपभोक्ता खर्च को बढ़ा रही है और कमजोर वित्तीय स्थिति की भरपाई निवेश से होगी। फिच ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वार्षिक वृद्धि धीमी रह सकती है। इसलिए अगले वित्त वर्ष 2026-27 में वृद्धि दर घटकर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इकोनॉमी अपनी क्षमता से थोड़ा ऊपर चल रही है, इसलिए वित्त वर्ष 2027-28 में वृद्धि दर घटकर 6.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।