अब हवा में ही खत्म होंगे दुश्मन के ड्रोन-मिसाइलें

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने गुरुवार को स्पेन की कंपनी इंद्रा से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मदद से बनाए गए पहले स्वदेशी 3डी-एएसआर-लांजा-एन को भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर कमीशन किया है। यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह राडार युद्धपोत पर लगाया गया है, जो ड्रोन, जेट, मिसाइलों को ट्रैक करता है और उन्हें हवा में ही नष्ट करने में मदद करता है। इसके साथ ही टीएएसएल एडवांस्ड नेवल 3डी एयर सर्विलांस राडार (एएसआर) का निर्माण करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। यह उपलब्धि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की खोज में एक अहम कड़ी मानी जा रही है। इस सिस्टम को स्थानीय स्तर पर असेंबल और एकीकृत किया गया है। राडार को इस भारतीय नौसेना के युद्धपोत की सभी प्रणालियों के साथ सहजता से एकीकृत किया गया है।
इस राडार को शामिल करने से पहले व्यापक समुद्री परीक्षणों से गुजारा गया है, जहां इसकी क्षमता के लिए नौसैनिक और हवाई प्लेटफार्मों को राडार क्रॉस-सेक्शन की एक शृंखला में प्रदर्शन का परीक्षण करने के लिए तैनात किया गया था। इसको लेकर टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की, जिसमें कंपनी के सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सुकर्ण सिंह ने कहा कि इंद्रा के साथ हमारा सहयोग भारत में राडार निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ऑन-ग्राउंड कॉर्डिनेशन, तकनीकी विशेषज्ञता और मजबूत आपूर्ति शृंखला के जरिए, हम उन्नत रक्षा तकनीकों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे हैं। वहीं इंद्रा नेवल बिजनेस हेड आना बुएनिडा ने कहा कि यह परियोजना केवल राडार की डिलीवरी और तैनाती से कहीं आगे जाती है। इससे हमें भारत में बंगलुरु में एक राडार फैक्टरी स्थापित करने में मदद मिली, जिससे हम ग्राहक के लिए अधिक कुशलता और निकटता से सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।