शादी को पहुंचाया नुकसान, तो पति की प्रेमिका से हर्जाना मांग सकती है पत्नी

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है कि अगर किसी तीसरे व्यक्ति ने जानबूझकर हस्तक्षेप करके शादी को नुकसान पहुंचाया है, तो जीवनसाथी उस प्रेमी/प्रेमिका पर हर्जाने के लिए मुकदमा कर सकता है। यह फैसला तब आया जब कोर्ट ने एक मामले में सम्मन जारी किया, जिसमें एक पत्नी ने अपने पति की कथित प्रेमिका से एलियनएशन ऑफ अफेक्शन के लिए चार करोड़ का हर्जाना मांगा है। एलियनएशन ऑफ अफेक्शन एक टॉट है, जिसका अर्थ है सिविल गलती या दीवानी दोष। यह कानून पुरानी एंग्लो-अमरीकन कॉमन लॉ व्यवस्था से आया है। यह किसी जीवनसाथी को उस तीसरे पक्ष से पैसों का मुआवजा मांगने की अनुमति देता है, जिस पर शादी तोडऩे या प्यार और स्नेह को खत्म करने का आरोप है। इन हार्ट बाम टॉट्र्स (विवाहित जीवन को भावनात्मक नुकसान पहुंचाने वाले कानूनी दावे) को भारत के किसी भी कानून में संहिताबद्ध नहीं किया गया है। जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने अपने आदेश में कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम समेत भारत के वैवाहिक कानून, परिवार अदालत में किसी तीसरे पक्ष के खिलाफ कोई कानूनी उपचार नहीं देते हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में, गलत हस्तक्षेप से हुए नुकसान के लिए सिविल कोर्ट में मुआवजे का दावा सुना जा सकता है। यह दंपति 2012 में शादी के बंधन में बंधे थे और 2018 में उनके जुड़वां बच्चे हुए।