
मोगा-किसानों के अडिय़ल रवैये के चलते जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा बनाई गई। टीमें में भी बेअसर साबित हो रही हैं। जबकि किसान लगातार पराली को आग लगाना जारी रखे हुए हैं। पुलिस द्वारा आठ केस दर्ज किए गए हैं। जिसमें नौ किसान नामजद है। बाकी अज्ञात किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं, गांव सेखा कलां में किसान पराली को आग लगा रहे थे। मौके पर पहुंचे कलेक्टर अधिकारी द्वारा किस को रोकने का प्रयास किया, तो किसान ने उसकी गाड़ी की चाबी निकाल कर किसान यूनियन की सदस्य को मौके पर बुलाया तथा उसे धमकाया तथा क्लस्टर अधिकारी मौके पर ही गाड़ी छोडक़र अपने ऑफिस में आ गया। जिसके बाद उसने सीनियर अधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद एसडीएम बाघापुराना, एडीसी व पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। जिसके बाद किसान यूनियन के सदस्य द्वारा माफी मांग कर बात को खत्म किया गया। थाना निहाल सिंह वाला के हवलदार किशन गोपाल ने बताया कि क्लस्टर अधिकारी ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि गांव रोता में किसान परमजीत सिंह, करमजीत सिंह द्वारा पराली को आग लगाने के मामले में केस दर्ज किया है। इसके अलावा गांव बुटर कलां, गांव राऊके कलां के अज्ञात किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
गांव रोता में रछपाल कौर, निहाल सिंह वाला की किरणदीप कौर, नथा सिंहए गांव दीदरेवाला में बलविंदर सिंह, बलविंदर सिंह, जसविंदर सिंह, गांव धूडकोट में नछतर सिंह के खिलाफ पराली को आग लगाने के साथ-साथ सरकारी आदेशों की अनदेखी करने के मामले में केस दर्ज किया गया है। सभी मामलों में पटवारी द्वारा किसानों की जमीन संबंधी जमाबंदी पर रेड एंट्री कर दी गई है। जब तक जमाबंदी पर रेड एंट्री रहेगी किसान सरकारी तौर पर अपनी जमीन पर लोन नहीं ले सकेंगे लोन लेने के लिए उनको जमाबंदी में रेड एंट्री को हटवाना होगा। जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा पराली को आग लगाने के अब तक कुल 560 मामले दर्ज किए। जिनमें 560 किसानों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। 560 मामलों में रेड एंट्री की गई है। जिला प्रशासन की ओर से पराली को आग लगाने के मामले में अभी तक किसानों के खिलाफ 21 लाख 70000 जुर्माना लगाया गया है। जबकि बताया जा रहा है कि 13 लाख 90000 जुर्माना किसानों ने जमा करवाया है।