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भारत को पीओके मिलते ही खत्म होगा कश्मीर मुद्दा, पाकिस्तान को लगी मिर्ची

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर को लेकर कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को खाली करने से यह मुद्दा पूरी तरह से हल हो जाएगा। जयशंकर ब्रिटेन के दौरे पर हैं। वह लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। जयशंकर से सवाल पूछा गया था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अमरीकी विदेश नीति में बदलाव का भारत को फायदा मिलेगा। जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमरीका की विदेश नीति में बदलाव उम्मीद के मुताबिक है। यह कई मायनों में भारत के अनुकूल है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन के एक्शन से दुनिया नई व्यवस्था की तरफ बढ़ रही है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने कश्मीर के ज्यादातर मुद्दों का हल निकाल लिया है। अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। फिर कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था।

चुनाव कराना, जिसमें काफी वोटिंग हुई, तीसरा कदम था। जयशंकर ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के उस हिस्से की वापसी है, जिसे चोरी से पाकिस्तान ने अपने पास रखा है। जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि कश्मीर का मसला हल हो जाएगा। उधर कश्मीर को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी पर पाकिस्तान को मिर्ची लगी है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने जयशंकर की टिप्पणी को खारिज कर दिया और यून का रोना भी रोया। खान ने कहा कि आजाद जम्मू-कश्मीर के बारे में बेबुनियाद दावे करने के बजाय भारत को पिछले 77 वर्षों से अपने कब्जे में रखे गए जम्मू-कश्मीर के एक बड़े क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री का बयान जमीनी हकीकत को नहीं दिखाता है। जयशंकर का बयान आधारहीन है। कश्मीर का मसला यूएन के अंतर्गत आता है।

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