भारत संग सुलह के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, यूएन ब्रीफिंग में बिलावल बोले, रॉ और आईएसआई कर लें बात

ऑपरेशन सिंदूर में झटका झेलने के बाद पाकिस्तान अब भारत से बात करना चाहता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बाद अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी ऐसी ही इच्छा जताई है। उन्होंने दोनों देशों की खुफिया एजेंसी यानी आईएसआई और रॉ के अधिकारियों के बीच बातचीत होने का भी सुझाव दिया है। खास बात है कि भारत की तरह ही पाकिस्तान ने भी अपना प्रतिनिधिमंडल अमरीका भेजा है। यूएन ब्रीफिंग में शामिल हुए भुट्टो ने भारत के साथ सुलह की बात कही है। भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान अब भी आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत का सहयोग करना चाहता है।
हम अरबों लोगों को भविष्य को नॉन स्टेट एक्टर्स और आतंकवादियों के हाथों में नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी तरह भरोसा है कि अगर आईएसआई और रॉ एक साथ बैठने और इन बलों के खिलाफ लडऩे के लिए तैयार होते हैं, तो हमें भारत और पाकिस्तान दोनों ही जगह आतंकवाद में कमी देखने को मिलेगी। माना जा रहा है कि भुट्टो का यह नरम रुख संकेत दे रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान किस हद तक प्रभावित हुआ है और शांति चाहता है।
जब भी भारत कहेगा, हम हाजिर हो जाएंगे
एजेंसियां — इस्लामाबाद
भारत-पाकिस्तान के बीच दशकों के सबसे बड़े सैन्य संघर्ष के बाद तनाव बरकरार है। ऑपरेशन सिंदूर के जख्मों से अभी भी पाकिस्तान उबर रहा है। सिंधु जल संधि निलंबन को लेकर वो छटपटा रहा है। इसकी बानगी बुधवार को तब सामने आई जब पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत से बातचीत की पेशकश की। उसके डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि उनका देश भारत के साथ संवाद को तैयार है, जब भी भारत कहे, हम हाजिर होंगे, लेकिन हम बेचैन नहीं हैं। अब पाकिस्तान ने बातचीत की इच्छा तो जताई है, लेकिन वह चाहता है कि इसमें पानी जैसे मुद्दे भी शामिल हों। भारत की तरफ से इस मामले में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
डार ने कहा कि भारत सिर्फ आतंकवाद की बात करना चाहता है, जबकि पाकिस्तान व्यापक बातचीत चाहता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जिससे पाकिस्तान की खेती पर असर पड़ रहा है। इस संधि के तहत पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती तीन भारतीय नदियों पर निर्भर है।