PM मोदी की चीन यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के फिर से पटरी पर आने की उम्मीद

नई दिल्ली। सात साल से भी अधिक समय के बाद चीन यात्रा पर जा रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पिछले एक वर्ष के अंदर यह दूसरी मुलाकात होगी और दोनों देशों को उम्मीद है कि वे पांच साल पहले गलवान घाटी में उनके सैनिकों के बीच हिंसक झड़प से पैदा हुई कड़वाहट को दूर करने और व्यापार सहित सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में आगे बढेंगे। पीएम मोदी जापान की दो दिन की यात्रा के बाद 31 अगस्त को सीधे चीन जाएंगे जहां वह एक सितंबर को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्रध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति से भी मिलेंगे। उनके रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित कई वैश्विक नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है।
अमरीका द्वारा भारत समेत विभिन्न देशों पर लगाए जा रहे भारी भरकम आयात शुल्क के कारण दुनिया भर में व्यापारिक मोर्चे पर मची उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री की चीन यात्रा और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वार्ता को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी और जिनपिंग की बातचीत से सीमा पर शांति तथा सौहार्द बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण लंबित मुद्दों के समाधान की दिशा में भी प्रगति होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को समय-समय पर प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और निरंतर बदल रही भू राजनीतिक तथा सामाजिक परिस्थितियों में दोनों के सामने गलवान की घटना के पांच वर्ष बाद एक बार फिर से उसी मुकाम से आगे बढने की चुनौती है।