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7 सितंबर को लगेगा चंद्रग्रहण

Lunar eclipse: भाद्रपद मास की पूर्णिमा पर साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा और भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसी कारण इस बार इसका सूतक काल भी मान्य होगा। भारतीय समयानुसार यह चंग्र ग्रहण रविवार 7 सितंबर को रात 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा और इसका समापन रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। इस दौरान चंद्रमा का रंग लाल दिखाई देगा, जिसे खगोलशास्त्र में ब्लड मून कहा जाता है। बता दें कि यह साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण होगा। यह चंद्रग्रहण भारत के अलावा एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमरीका, फिजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भी दृश्यमान रहेगा।

क्या होता है ब्लड मून?

पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है। सूर्य की सीधी रोशनी अवरुद्ध होने के बावजूद कुछ किरणें चंद्रमा की सतह तक पहुंचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती हैं। इससे नीली रोशनी बिखर जाती है, जबकि लाल रोशनी चंद्रमा की ओर मुड़ जाती है। इससे चांद को एक ज्वलंत चमक मिलती है। इससे चांद का रंग लाल दिखता है और इसलिए इसे ब्लड मून कहा जाता है।

कब लगेगा सूतक काल?

यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा इस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। 7 सितंबर को लगने वाले इस पूर्ण चंद्रग्रहण का सूचक काल दोहपर 12 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगा। सूतक काल में कुछ खास कार्य करने वर्जित माने जाते हैं। इस दौरान मंदिरों में पूजा अर्चना और धार्मिक कार्य नहीं किए जाते, इसलिए मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

चंद्रग्रहण के दौरान धारदार और नुकीले उपकरणों का इस्तेमाल भी वर्जित माना गया है। इस दौरान खाना पकाने से बचें और घर में पहले से रखे खाने में तुलसी के पत्ते जरूर डालें। चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर की शुद्धि करें और उसके बाद पूजा पाठ शुरू करें।

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