आज समाचार

आवारा कुत्तों को पकड़ने संबंधी याचिका पर शीघ्र सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के आवारा कुत्तों को पकड़ने संबंधी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की एक अधिसूचना के खिलाफ याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से गुरुवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने अधिवक्ता ननिता शर्मा की शीघ्र सुनवाई की गुहार यह कहते हुए ठुकरा दी कि संबंधित मामले में शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने स्वत: संज्ञान सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने आवारा कुत्तों से लोगों को होने वाली परेशानियों के मामले में 14 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था। तीन सदस्यीय इस पीठ ने न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ (शीर्ष अदालत की) के 11 अगस्त के निर्देशों पर तत्काल रोक की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था। न्यायमूर्ति पारदीवाला की पीठ ने 11 अगस्त को एक स्वतः संज्ञान मामले में आदेश पारित किया था। दो सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कुत्तों के काटने की समस्या संविधान के अनुच्छेद 19(1)(डी) और 21 के तहत नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।

अदालत ने यह भी कहा था कि 2024 में दिल्ली में ऐसे 25,000 से अधिक मामले और अकेले जनवरी 2025 में 3,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। दो सदस्यीय पीठ ने दिल्ली के नगर निगम अधिकारियों को सभी क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को पकड़ने, संवेदनशील इलाकों में कुत्तों को पकड़ने को प्राथमिकता देने और आठ हफ़्तों के भीतर कम से कम 5,000 कुत्तों को रखने वाला आश्रय गृह स्थापित करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने एक अखबार में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए स्वत: मामला दर्ज कर सुनवाई शुरू की थी‌।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button