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पहली ही फिल्म फ्लॉप, फिर चल पड़ी काजोल के कैरियर की गाड़ी

मुंबई। बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री काजोल आज 51 वर्ष की हो गईं। पांच, 1974 को मुंबई में जन्मी काजोल को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता सोमु मुखर्जी निर्माता, जबकि मां तनुजा जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थीं। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण काजोल अकसर अपनी मां के साथ शूटिंग देखने जाया करती थी। इस वजह से उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगी। काजोल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संत जोसेफ कान्वेंट पंचगनी से की। इसके बाद उन्होंने बतौर अभिनेत्री अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म ‘बेखुदी’ से की। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका कमल सदाना ने निभाई, लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म टिकट खिडक़ी पर असफल साबित हुई।

वर्ष 1993 में काजोल को अब्बास-मुस्तान की फिल्म ‘बाजीगर’ में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका शाहरूख खान ने निभाई थी। यूं तो पूरी फिल्म शाहरूख खान पर केंद्रित करके बनाई गई है, लेकिन काजोल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको का दिल जीत लिया। वर्ष 1994 काजोल के सिने कैरियर में अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी उधार की जिंदगी, ये दिल्लगी और करण अर्जुन जैसी फिल्म प्रदर्शित हुई। उधार की जिंदगी टिकट खिडक़ी पर असफल साबित हुई, लेकिन काजोल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको का दिल जीत लिया, वहीं बांबे फिल्म जर्नलिस्ट ऐशोसिएशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित की गई। वर्ष 1994 में ही काजोल को यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्म ये दिल्लगी में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका अक्षय कुमार और सैफ अली खान ने निभाई। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित की गयी। वर्ष 1995 में काजोल को यश चोपड़ा की ही फिल्म ..दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे.. में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिये मील का पत्थर साबित हुई। काजोल और शाहरूख खान के बेहतरीन अभिनय से सजी यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई।

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